संन्यास पर ओशो लघु उद्धरण
संन्यास पर ओशो लघु उद्धरण ध्यान के बिना कोई संन्यास नहीं है. संन्यास असंरचित जीवन जीने का एक तरीका है. संन्यास का अर्थ है ईश्वर के प्रति एक रचनात्मक दृष्टिकोण. सन्यास और ध्यान ही काफी हैं, अधिक कुछ नहीं चाहिए. यह अंतिम अर्थ है...