Osho – आत्मज्ञान समस्त ज्ञान का द्वार बन जाता है
Osho – सागर केवल लहरों के पीछे छिपा नहीं है, यह स्वयं को तरंगों में भी प्रकट कर रहा है. वह जितनी गहराई में है, उतनी ही सतह पर भी है. गहराई और सतह नहीं हैं...
Osho – सागर केवल लहरों के पीछे छिपा नहीं है, यह स्वयं को तरंगों में भी प्रकट कर रहा है. वह जितनी गहराई में है, उतनी ही सतह पर भी है. गहराई और सतह नहीं हैं...
Osho – आप एक जीवित व्यक्ति तभी हो सकते हैं जब आपकी जड़ें आपके केंद्र में हों. यदि आप केंद्र में जड़े नहीं जमाए हुए हैं और केवल परिधि पर जी रहे हैं, तुम बस इतने ही जीवित हो, lukewarm, बिना किसी तीव्रता के,...
Osho – उपनिषदों के ऋषियों की सबसे बड़ी देन यह है कि उन्होंने इस लोक और परलोक को पर्यायवाची बना दिया है. उन्होंने सांसारिक और पवित्र के विचार को छोड़ दिया है. वह निरपेक्ष का प्रतिनिधित्व करता है, the ultimate,...
Question – मनुष्य एक ही दोहराव वाले घेरे में क्यों रहता है?, बार-बार और जीवन के बाद जीवन? Osho – It is simple. क्योंकि आप वास्तव में नहीं रहते हैं. इसलिए आप दोहराना चाहते हैं. यदि आप वास्तव में रहते हैं,...
Osho – कर्म का मार्ग बड़ा विरोधाभासी है. विरोधाभास यह है कि आपको कार्य करना है और फिर भी गहरे में आपको बिल्कुल निष्क्रिय रहना है; केंद्र में पूर्ण शांति, कोई कार्रवाई नहीं, not even a wave, इतना भी नहीं...
Osho – एक व्यक्ति जो सबसे बड़ी बेवकूफी कर सकता है, वह है जीवन को हल्के में लेना. और यही लाखों लोग कर रहे हैं, वे इसे ऐसे लेते हैं जैसे यह उनका अधिकार है. उन्हें कोई आभार महसूस नहीं होता, in fact...
Osho – विशेषज्ञ, जानकार, बुद्धिजीवी, उसकी अपनी कोई अंतर्दृष्टि नहीं है. वह उधार ज्ञान पर निर्भर करता है, परंपरा पर, सम्मेलन पर. वह अपने सिर में पुस्तकालय रखता है, एक बड़ा बोझ, लेकिन उसके पास कोई दृष्टि नहीं है. वह बहुत कुछ जानता है...